Sunday, May 23, 2010
Format: Printed
Issue No: SPCL-2407-H
Language: Hindi
Author: Tarun Kumar Wahi
Penciler: Ramashish
Inker: Gaurav Shrivastava
Colorist: Anwar
Pages: 48
परियो ने कर लिया है देवपुत्रों से विवाह. लेकिन श्राप के कारण देवपुत्रों ने खो दी है अपनी अमरता. अब देवपुत्र वृद्ध हो कर मृत्यु को प्राप्त हो जायेंगे. परियों की सुरक्षा के लिए अब जरुरत है एक रक्षक की.. और रक्षक आसानी से पैदा नहीं होते और तब तो बिलकुल नहीं जब आप देवताओं के श्राप से ग्रसित हो कर पुत्र उत्पत्ति में असमर्थ हों.
http://hotfile.com/dl/45538805/3f276c6/MahaguruBhokalFromApril2010SetPresentedByHeart.pdf.htmlhttp://www.filefactory.com/file/b1edh58/n/MahaguruBhokalFromApril2010SetPresentedByHeart.pdf
http://freakshare.net/files/xtua8qkk/MahaguruBhokalFromApril2010SetPresentedByHeart.pdf.html
Labels: Bhokal, RC : Set 03 of 2010