Friday, May 07, 2010
Format: Printed
Issue No: SPCL-2429-H
Language: Hindi
Author: Vivek Mohan
Penciler: Narayan
Inker: Narayan
Colorist: Shadaab
Pages: 24
नागद्वीप की रक्षा का भार है युवराज्ञी विसर्पी के कन्धों पर. नागद्वीप पर कब्जा करने के लिए उसकी दुश्मन बनी है उसकी अपनी बुआ सुरसर्पा. इस महायुद्ध में विसर्पी का साथ देने आये हैं पंचनाग. लेकिन पलड़ा अभी सुरसर्पा का भारी है. तांत्रिक शक्तियां निर्मम और हिंसक हैं.
Labels: Nagraj, PanchNaag, Raj 20, RC : Set 04 of 2010